आंगिक
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
आंगिक ^१ वि॰ [सं॰ आङ्गिक] [स्त्री॰ आंगिकी]
१. अंगसंबंधी । अंग का ।
२. अंग की चेष्टा द्वारा व्यक्त या प्रकट किया हुआ, जैसे आंगिक अभिनय (नाटय॰) ।
आंगिक ^२ सज्ञा पुं॰
१. चित्त के भाव को प्रकट करनेवाली चेष्टा, जैसे भ्रूविक्षेप, हाव आदि ।
२. रस में कायिक अनुभाव ।
३. नाटक में अभिनय के चार भेदों में से एक । विशेष—चार भेद ये है—(क) आंगिक=शरीर की चेष्टा बनाना, हाथ, पैर हिलाना आदि । (ख) वाचिक=बातचीत आदि की नकल । (ग) आहार्य=वेशभूषा आदि बनाना । (घ) सात्विक=स्वरभंग, कंप, वैवर्ण्य आदि की नकल । यौ॰—आंगिकाभिनय ।
४. मृदंग या ढोल का वादक [को॰] ।
५. बाँहदार या बँहोलीदार पुरुषों का परिधान जो घुटनों के नीचे तक पहुँचता था अंगा [को॰] ।