आकाशास्तिकाय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

आकाशास्तिकाय संज्ञा पुं॰ [सं॰] जैनशास्त्रानुसार छह प्रकार के द्रव्यों में से एक । यह एक अरूपी पदार्थ है जो लोक और अलोक दोनों में है और जीव तथा पुद्गगल दोनों को स्थान या अवकाश देता है । आकाश ।