ऊमरि

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ऊमरि पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ऊमर] दे॰ 'ऊमर' । उ॰—तरू ऊमरि को आसन अनूप । यहु रचित हेय मय विश्वरूप । —राम॰ धर्म॰, पृ॰ १५५ ।