एकहस्तपादवध

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

एकहस्तपादवध संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक हाथ और एक पैर काट लेने का दंड़ । विशेष— कौटिल्य के अनुसार चंद्रगुप्त के समय में जो लोग ऊँचे वर्ण के लोगों तथा गुरुओं के हाथ पैर मरोड़ देते थे या सरकारी घोड़ो गड़ियों पर बिना आज्ञा के चढ़ते थे, उनको यह दंड दिया जाता था । जो लोग इस दंड से बचना चाहते थे, उनको ४०० पण देना पड़ता था ।