ओनामासी
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ओनामासी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ऊँ नमःसिद्धाम्]
१. अक्षरांरभ । उ॰—पढ़ों मन ओनामासी धंग ।—कबीर श॰, पृ॰ ९ । विशेष—बच्चों से पाठ आरंभ कराने से पहले ओ नमः सिद्धांम्' कहलाया जाता है । इसका रूप ओंनामासींध और ओंनामासींधंग भी मिलता है । जैसे, —२१ साल तक घर में रहे ओंनामासीघं । बाप पढ़े न हम ।—किन्नर॰, पृ॰ ९७ ।
२. आरंभ । शुरू । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।