जखीरेवाजी संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰ जखीरेबाज + ई] अघ आदि या उपमोग में आनेवाली और बिकनेवाली वस्तुओं का इस विचार से संचय करना कि जब महँगी होगी तब इसे बेचेंगे ।