ज्यान
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
ज्यान पु † ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ जियान] नुकसान । हानि । घाटा । उ॰—ह्वैकै अजान जु कान्ह सों कीनो सु मान भयो वहै ज्यान है जी को ।—पद्माकर ग्रं॰, पृ॰ ११६ ।
ज्यान ^२पु संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰ जान] दे॰ 'जान' । उ॰—(क) पातसाह की ज्यान बखसीस करो ।—ह॰ रासो, पृ॰ १५६ । (ख) अरे इस्क ऐसा बुरा, फिरि लेता है ज्यान ।—ब्रज॰ ग्रं॰, पृ॰ ४८ ।