थपाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थपाना पु † क्रि॰ सं॰ [थपना] स्थापित करना । स्थित कराना । उ॰— जगन्नाथ कहँ दीन्ह थपाई । तब हम चल चँदवारे आई ।——कबीर सा॰, पृ॰ १९२ ।