थाहरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

थाहरा † वि॰ [हिं॰ थाह]

१. छिछला । जो गहरा न हो । जिसमें जल गहरा न हो । उ॰—खरखराई जमुना गह्यो अति थाहरो सुभाय । मानहु हरि निज पाँव ते दीनी ताहि दबाय ।— सुकवि (शब्द॰) ।