पंचगव्यघृत
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
पंचगव्यघृत संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चगव्यघृत] आयुर्वेद के अनुसार बनाया हुआ एक घृत अपस्मार (मिरगी) और उन्माद में दिया जाता हैं । विशेष—गाय का दूध, घी, दही, गोबर का रस और गोमृत्र चार चार सेर और पानी सोलह सेर सबको एक साथ एक दिन पकाने पर यह बनता है ।