लगंत संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ लगना + अंत (प्रत्य॰)] १. लगन होने की क्रिया या भाव । उ,— आलस में जब बहार की आकर खिलत है । दिल की नई लगन को मजे की लगंत है ।—नजीर (शब्द॰) । २. लगने या स्त्रीप्रसंग करने की क्रिया या भाव ।