लगान
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
लगान संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लगना या लगाना]
१. लगने या लगाने की क्रिया या भाव ।
२. किसी मकान के ऊपरी भाग से मिला हुआ कोई ऐसा स्थान जहाँ से कोई वहाँ आ जा सकता हो । लाग । जैसे,—इस मकान में दोनों तरफ से लगान है ।
३. वह स्थान जहाँ पर मजदूर आदि सुस्ताने के लिये अपने सिर का बोझ उतारकर रखते है ।
४. वह स्थान जहाँ पर नावें आकर ठहरा करती हैं ।
५. वह स्थान जहाँ जंगल में रात को पशु आते हैं । शिकारी लोगों के छिपने बैठने का वह स्थान जहाँ से शिकार किया जाता है ।
६. भूमि पर लगनेवाला वह कर जो खेतिहरों की ओर से जमींदार या सरकार को मिलता है । राजत्व । भूकर । जमावंदी । पोत । यौ॰—लगान मुकर्ररी = वियत भूकर । लगान वाकई = वास्तविक भूकर ।