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हिसालु हिमालय छेत्र में पाया जाने वाला एक फल है, भरत में यह फल उत्तराखण्ड और हिमाचल की पहाड़ियों में पाया जाता है। हिसालु एक झड़ी है जो की छोटी छोटी और कटीली होती है।
हिसालु हिमालय छेत्र में पाया जाने वाला एक फल है, भरत में यह फल उत्तराखण्ड और हिमाचल की पहाड़ियों में पाया जाता है। हिसालु एक झड़ी है जो की छोटी छोटी और कटीली होती है।
इसको हिमालय की रसभरी भी कहा जाता है और लैटिन में 'Rubus elipticus' कहते है।
इसको हिमालय की रसभरी भी कहा जाता है और लैटिन में 'Rubus elipticus' कहते है।

२०:४५, १० अगस्त २०२३ का अवतरण

चित्र:hisalu.webp

हिसालु हिमालय छेत्र में पाया जाने वाला एक फल है, भरत में यह फल उत्तराखण्ड और हिमाचल की पहाड़ियों में पाया जाता है। हिसालु एक झड़ी है जो की छोटी छोटी और कटीली होती है। इसको हिमालय की रसभरी भी कहा जाता है और लैटिन में 'Rubus elipticus' कहते है।

हिसालु फल छोटे छोटे होते है और यह बहुत ही महीन रसभरे दानो से मिलकर बना होता है। विश्व में लगभग १५०० सो प्रजातियां पायी जाती है।

हिसालु में विटामिन सी, मगनीश आयरन, कैल्शियम, जिंक और कार्बोहैड्रेट होता है और यह आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग होता है। यह किडनी, मूत्र सम्बन्धी बीमारियों में प्रयोग में लाया जाता है।

अधिक जानकारी के लिए पढ़े: जाने हिसालू क्या है ?