"गिरि": अवतरणों में अंतर
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२०:३१, २८ दिसम्बर २०२३ का अवतरण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
गिरि ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. पर्वत । पहाड़ ।
२. दशनामी संप्रदाय के एक प्रकार के संन्यासी । विशेष—ये अपने नामों के पीछे उपाधि की भाँति 'गिरि' शब्द लगाते हैं । (जैसे—नारायण गिरि, महेश गिरि आदि) । इनमें कुछ लोग मठधारी महंत होते हैं और कुछ जमींदारी तथा अनेक प्रकार के व्यापार करते हैं । इनमें से कुछ लोग वैष्णव हो गए हैं, जो गिरि वैष्णव कहलाते हैं । ये विबाह नहीं करते ।
३. परिव्राजकों की एक उपाधि ।
४. तात्रिक संन्यासियों का एक भेद ।
५. पारे का एक दोष जिसका शोधन यदि न किया जाय, तो खानेवाले का शरीर जड़ हो जाता है ।
६. आँख का एक रोग जिसमें ढेंढर या टेटर निकल आता है और आँख कानी हो जाती है ।
७. गेंद [को॰] ।
८. मेघ । बादल [को॰] ।
९. आठ की संख्या [को॰] ।
१०. शिला । चट्टान [को॰] ।
गिरि ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गिरि]
१. निगलने की क्रिया ।
२. चुहिया । मूषिका [को॰] ।