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अंधा

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंधा ^२ वि॰

१. बिना आँख का । दृष्टिरहित । उ॰—अँधा बाँटे रेवड़ी फिर फिर अपने देय (कहावत)

२. विचार- रहित । अविवेकी । अज्ञानी । उ॰—ज्ञानी से कहिए कहा कहत कबीर लजाय । अंधे आगे नाचते कला अकारथ जाय॰ ।— कबीर सा॰ स॰, पृ॰ ८६ । क्रि॰ प्र॰—करना ।-बनना ।-बनाना ।—होना । भले बुरे का विचार खो बौठना । उ॰—क्रोध मे मनुष्य अंध हो जाता है । (शब्द॰) । मु॰—अँधा करना = (१) दे॰ 'अंधा बनाना' । (२) शक और जोश या आकेश से विवेकहीन बना देना । अंधा बनना = जान बुझकर किसी बात पर ध्यान न देना । अंधा बनाना = आँख मे धुल डालना । बेवकुफ बनाना । धखा देना । अँधा मुल्ला टुटी मस्जिद = बुरे को बुरी चीज का मिलता जैसे को तैसे मिलना । अंधा क्या चाहे दो आँखें = जरुरुतमद की अपनी जरुरत पुरी होने की काक्षा करना । अँधे की लकड़ी या लाठी = (१) एकमात्र आधार सहारा । आसरा । (२) वह लड़का जो कई लड़कों में बचा हो ।इकलौता लड़का । अँधे के ङात बटेर लगना = किसू वस्तु का अयोग्य व्यक्ति को अप्रत्याशित रुप से प्राप्त होना । उ॰—समझ लोकि तुम अपनी मिहनत से नहीं पास हुए, अधे के हाथ बटेर लग गई ।मान॰, भा॰१, पृ॰ ८२ । अंधों में काना राजा या सरदार = थोड़ी सी जानकारी से भुखों या अनजान लोगों के बीच श्रेष्ठ बनना । अंधों का राज = विवेकहीन शासन । उ॰—राव रंक अंधा सबै फिर अंधों ही का राजा—दरिया, बानी, पृ॰ ९ ।

३. मतवाला । उमत्त । जैसे—आदमी अपने मतलब में अंधा है ।

४. जिसमें कुछ दिखाई न दे । अँधेरा । प्रकाशशुन्य । यौ॰—अंधा आइना = वह दर्पण जिसमें चेहरा साफ दिखाई न दे । धुँधला शीशा । अंधा कुआँ = (१) दे॰ 'अंधकुप'१ । (२) लड़कों का एक खेल जो चार लकड़ियों से खेला जात है । अंधा कुप = दे॰ 'अंधकुप' । उ॰—तन में जो अंधा कुप है । वोही तुम्हारा रुप है ।—संत तुलसी पृ॰ २५ । अंधा घर = वह मकान जिसकी बाहरी रौनक खत्म हो चुकी हो । अंधा घोड़ा = उपानह । जुता (सधुफकीर) । अंधा चिराग = वह चिराग जिसकी ज्योति में प्रसार न हो । धुँधली ज्योति का दीपक । अंधा तारा = नेपचुन नामक तारा । अधा दरबार = दे॰ 'अंधा- राज' । अंधा दीया = दे॰ 'अंधा चिराग' । अधा भंसा = लड़कों का एक खेल जिससे एक लड़का दुसरे लड़के की पीठ पर चढ़कर उसकी आँखे बंद कर लेता है और दुसरे लड़के उस भैंसा बने हुए लड़के के बीच से एक एक करके निकलते हैं । सवार लड़का उपर से प्रत्येक निकलनेवाले लड़के का नमा पुछता जाता है । भैंसा बना हुआ लड़का जिसका नाम ठिक बता देता है उसे फिर वह भैसा बनाकर उसकी पीठ पर सवारी करता है । अंधा राज = वह राज्य जिसका प्रबंध बुरा हो । अन्यायी राज्य । अंधा शीशा = दे॰ 'आइना' । कहा॰—अंधा गाए बहरा बजाए = जब किसी काम के करने में अयोग्य व्यक्ति एक साथ लगे हों । अंधी पीसे कुत्ता खाय = निष्प्रोजन काम को बड़े परिश्रम से करना । अंधे के आगे रोए, अपनी आँखों खोए = अरण्यरोदन । अंधे कतो दुर की सुझना = असमर्थ होते हुए भी समर्थ से बढ़कर काम करना या अनजान होकर भी जानकारों से भी अधिक समझ की बात बताना ।