अप्राप्य
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अप्राप्य वि॰ [सं॰] जो प्राप्त न हो सके । जो मिले न । अलभ्य । उ॰ — जो यौं निज प्राप्य छोड़ देंगे । अप्राप्य अनुग उनके लेगे ।—साकेत, पृ॰ १४७ ।
अप्राप्य वि॰ [सं॰] जो प्राप्त न हो सके । जो मिले न । अलभ्य । उ॰ — जो यौं निज प्राप्य छोड़ देंगे । अप्राप्य अनुग उनके लेगे ।—साकेत, पृ॰ १४७ ।