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अमर

विक्षनरी से

संज्ञा

  1. जिसे कोई मार नहीं सकता

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अमर ^१ वि॰ [सं॰]

१. जो मरे नहीं । चिरजीवी ।

२. शाश्वत । अविनाशी ।

अमर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ अमरा, अमरी]

१. देवता ।

२. पारा ।

३. हडजोड़ का पेड़ ।

४. अमरकोश ।

५. लिंगानुशासन नामक प्रसिद्ध कोश के कर्ता अमरसिंह जो विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे ।

६. मरुदगणों में से एक । उनचास पवनों में से

अमर ^३ पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'अंबर' । उ॰—उड्डि रेन डंबर अमर दिष्यौ सेन चहुआन । —पृ॰ रा॰ ९ ।१३१ ।