इधर
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]इधर क्रि॰ वि॰ [सं॰ इतस् या इतर]
१. इस और । यहाँ । इस तरफ । उ॰—इधर कोई है अभी सजीव हुआ ऐसा मन में अनुमान ।—कामायनी, पृ॰ ५२ । मुहा॰—इधर उधर—=(१) यहाँ वहाँ । इतस्तत: । अनिशिचत स्थान में । जैसे,—लोग विपत्ति के मारे इधर उधर मारे मारे फिरते थे । (२) आसपास । इनारे किनारे । अड़ोस पड़ोस में । जैसे,—तुम्हारे घर के इधर उधर कोई नाई हो तो भेज देना । (३) चारों ओर । सब ओर । जैसे,—मेज के इधर उधर देखो, पुस्तक वहीं कहीं होगी । इधर उधर करना=(१) टाल- मटूल करना । हीला हवाला करना । जैसै,—जब हम अपना रुपया माँगते हैं, तब तुम इधर उधर करते हो । (२) अस्त- व्यस्त करना । उलट पुलट करना । क्रम भंग करना । जैसे,— बच्चे ने सब कागजपत्र इधर उधर कर दिए । (३) तितर बितर करना । भगाना । जैसे,—अकेले उसने २० चोरों को मारकर इधर उधर कर दिया । (४) हटाना । भिन्न भिन्न स्थानों पर कर देना । जैसे,—महाजनों के डर से उसने घर का माल इधर उधर कर दिया । इधर उधर की बात=(१) बाजारू गप । अफवाह । सुनी सुनाई बात । जैसे,— हम ऐसी इधर उधर की बातों पर विश्वास नहीं करते ।(२) बेठिकाने की बात । असंगत बात । व्यर्थ की बकवाद । जैस तुम कोई काम नहीं करते; व्यर्थ इधर उधर की बातें किया करते हो । इधर को उधर करना या लगाना=चुगलीखोरी करना । चवाव करना । एक पक्ष के लोगों की बात दूसरे पक्ष के लोगों से कहना । झगड़ा कराना । इधर की दुनिया उधर होना= अनहोनी बात का होना । असंभव का संभव होना । जैसे,— चाहे इधर की दुनिया उधर हो जाय, पर हम ऐसा कभी नहीं करेंगे । इधर उधर की हाँकना=झूठ मूठ बकना । व्यर्थ समय खोना । जैसे,—तुम इधर में उधर में रहा करते हो; कोई काम तो करते नहीं । इधर उधर से=(१) प्रतिर्दिष्ट स्थान से । अनिशिचत जगह से । जैसे,—यह पुस्तक कहीं इधर उधर से झटक लाए हो । (२) औरों से । दूसरों से । जैसे—(क) जक तक इधर उधर से काम चले, तब तक घोड़ा क्यों मोल लें । (ख) उसे इधर उधर से भोजन मिल ही जाता है; वह रसोई क्यों बनावे । इधर का उधर होना=(१)उलट पुलट होना । अंड बंड होना । बिगड़ना । जैसे,—हवा से सब कागज- पत्र इधर उधर हो गए । (२) टालमटूल होना । हीला- हवाला होना । जैसे,—महीनों से इधर उधर हो रहा है देखें रुपया कब मिलता है । (३) भाग जाना । तितर बितर होना । जैसे,— शेर के आते ही सब लोग इधर उधर हो गए इधर का उधर करना=उलट पलट देना । अस्तव्यस्त करना । क्रम बिगड़ना । इधर का उधर होना=उलट जाना । विपर्यय होना । विपरीत होना । जैसे,—देखते देखते सारा मामला इधर का उधर हो गया । इधर या उधर होना=परस्पर विरूद्ध दो संभावित घटनाओं में से (जेसे,—जीना मरना, हारना या जीतना) किसी एक का होना । जैसे,—जज के यहा ँ मुकदमा हो रहा है; दो चार दिन में इधर या उधर हो जायगा । इधर से उधर फिरना=चारों ओर फिरना । जैसे,— तुम व्यर्थ इधर से उधर फिरा करते हो । न इधर का होना न इधर का=(१) किसी ओर का न रहना । किसी पक्ष में न रहना । जैसे,—वे हमारी शिकायत उनसे और उनकी शिकायत हमसे किया करते थे; अंत में न इधर के हुए न उधर के । (२) किसी काम का न रहना । जैसे,—वे इतना पढ़ लिखकर भी न इधर के हुए न उधर के । (३) दो परस्पर विरुद्ध उद्देश्यों में से किसी एक का भी पूरा न होना । जैसे,—वे नौकरी के साथ साथ रोजगार भी करना चाहते थे; पर अंत में न इधर के हुए न उधर के ।