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उतरना

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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उतरना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ अवतरण या प्रा॰ उत्तरण] [क्रि॰ स॰ उतरना । प्रे॰ उतरवाना]

२. अपनी चेष्टा से ऊपर से नीचे आना । ऊँचे स्थान से सँभलकर नीचे आना । जैसे, घोड़े से उतरना, कोठे पर से उतरना इत्यादि ।

२. ढलना । अवनति पर होना । घटाव पर होना । ह्नासोन्मुख होना । जैसे, — (क) उसकी अब उतरती अवस्था है । (ख) नदी अब उतर गई है ।

३. शरीर में किसी जोड़, नस या हड्डी का अपनी जगह से हट जाना । जैसे, (क) उसका कूला उतर गया । (ख) यहाँ की नस उतर गई है ।

४. कांति या स्वर का फीका पड़ना, बिगड़ना या धीमा पड़ना । जैसे, (क) धूप खाते खाते उसका रंग उतर गया है । (ख) ये आग अब उतर गए हैं, खाने योग्य नहीं है । (ग) उसका चेहरा उतर गया है । (घ) देखो स्वर कैसा उतरता चढ़ता है ।

५. किसी उग्र प्रभाव या उद्वेग का दूर होना । जैसे, नशा उतरना । विष उतरना । (६) किसी निर्दिष्ट कालविभाग जैसे, वर्ष, मास या नक्षत्रविशेष का समाप्त होना । जैसे, (क) आषाढ़ उतरते उतरते वे आएँगे । (ख) शनि की दशा अब उतर रही है । विशेष— दिन या उससे छोटे कालविभाग के लिए 'उतरना' का प्रयोग नहीं होता, जैसे —यह नहीं कहा जाता कि 'सोमवार' उतर गया ।' या 'एकादशी उतर गई' ।

७. किसी ऐसी वस्तु का तैयार होना, जो सूत या उसी प्रकार की और किसी अखंड सामाग्री के थोड़े थोड़े अंश बराबर बैठाते जाने से तैयार हो । सूई तागे आदि से बननेंवाली चीजो ं का तैयार होना । जैसे, मोजा उतरना, थान उतरना, कसीदा उतरना । जैसे, चार दिनों के बाद यह मोजा उतरा है । (८) ऐसी वस्तु का तैयार होना जो खराद या साँचे पर चढ़ाकर बनाई जाय । (९) भाव का कम होना । जैसे, गेहू का भाव आजकल उतर गया है । (१०) डेरा करना । ठहरना । टिकना । जैसे, जब आप बनारस आइए तब मेरे यहाँ उतारिए । ११ नकल होना । खिंचना । अंकित होना । जैसे, (क) तुम्हारी तसवीर कहाँ उतरेगी । (ख) ये सब कविताएँ तुम्हारी कापी पर उतरी हैं ।

१२. बच्चों का मर जाना । जैसे, उसके बच्ची हो होकर उतर जाती हैं ।

१३. भर आना । संचारित होना । जैसे, नजला उतरना । दूध उतरना । फोति में पानी उतरना । जैसे, उसकी माँ के थनों में दूध ही नहीं उतरता ।

१४. फलों का पकने पर तोड़ा जाना । जैसे, तुम्हारी ओर खरबूजे उतरने लगे या नहीं?

१५. भभके में खिंचकर तैयार होना । खौलते हुए पानी में किसी चीज का सार उतरना । जैसे, यहाँ अर्क किस जगह उतरना है? (ख) अभी कुसुम का रंग अच्छी तरह नहीं उतरा है, ओर खौलाऔ । (ग) अभी चाय अच्छी तरह नहीं उतरी ।

१६. लगी या लिपटी वस्तु का अलग होना । सफाई के साथ कटना । उचड़ना । उघड़ना । जैसे, कलम बनाते हुए उसकी उँगली उतर गई (ख) एक ही हाथ में बकरे का सिर उतर गया (ग) बकरे की खाल उतर गई ।

१७. धारण की हुई वस्तु का अलग होना । जैसे, उसके शरीर पर से सब कपड़े लत्तो उतर गए ।

१८. तौल में ठहरना । जैसे, देखें यह चिज तौल में कितनी उतरती है ।

१९. किसी बाजे की कसन का ढीला होना जिससे उसका स्वर विकृत हो जाता है । जैसे, सितार उतरना, पखावज उतरना, ढोल उतरना ।

२०. जन्म लेना । अवतार लेना । जैसे,— तुम क्या सारे संसार की विद्या लेकर उतरे हो?

२१. सामने आना । घटित होना । जैसा तुम करोगे वैसा तुम्हारे आगे उतरेगा ।

२२. कुश्ती या युद्ध के लिये अखाड़े या मैदान में आना । जैसे, (क) अखाड़े में अच्छे अच्छे पहलवान उतरे हैं । (ख) यदि हिम्मत हो तो तलवार लेकर उतर आओ ।

२३. आदर के निमित्त किसी वस्तु का शरीर के चारों तरफ घुमाया जाना । जैसे, आरती उतरना, न्यौछावर उतरना ।

२४. शतरंज में किसी प्यादे का कोई बड़ा मोहरा बन जाना । जैसे, फरजी उतरा ओत मात हुई ।

२५. — वसूल होना । जैसे, (क) कितना चंदा उतरा?(ख) हमारा सब लहना उतर आया ।

२६. —स्त्रीसंभोग करना (आशिष्टों की भाषा) ।

२७. — आग पर चढाई जानेबाली चीज का पककर तैयार होना । जैसे, पूरी उतरना । पाग उतरना । मुहा॰—उतकर = निम्न श्रेणी का । नीचे दरजे का । उ॰— वह जाति में मुझसे उतरकर है । —ठेठ हिंदी॰ पृ॰ ९ । गले में उतरना या गले के निचे उतरना = (१) निगल जाना । जैसे, — क्या करें, दवा गले के नीचे उतरती ही नहीं । (२) मन में धँसना । चित्त में असर करना । जैसे, हमारी कहीं बाते तो उसकी गले के नीचे उतरती ही नहीं । चित से उतरना = (१) विस्मृत होना । भूल जाना । (२) नीचा जँचना । अप्रिय लगना । अश्रद्धाभाजन होना । जैसे— उसकी चाल ऐसी है कि वह सबके चित से उतर जाएगा । चेहरा उतरना = मुख मलिन होना । मुख पर उदासी छाना । जैसे, उनका चेहरा आज हमने उतरा देखा । चेहरे का रंग उतरना—दे॰ 'चेहरा उतरना' ।

उतरना ^२ क्रि॰ स॰ [सं॰ उत्तरण] नदी, नाले या पुल की पार करना । उ॰— लखन दीख पय उतर करारा । चहुँ दिसि फिरेउ घनुष जिमि नारा । —मानस २ ।१३३ ।

उतरना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ उत्तरण]

१. पानी के ऊर आना । पानी की सतह पर तैरना । जैसे,—काग इतना हल्का होता है कि पानी में ड़ालने से उतराता रहता है ।

२. उबलना उफान खाना । उ॰—ताही समय दूध उतरना, दौरी तुरत उतार न जाना ।—विश्राम (शब्द॰)

३. पीछे पिछे लगे फिरना । जैसे—यह बच्ची कहना नहीं मानता साथ ही साथ उतराता फिरता है ।

४. प्रकट होना । हर जगह दिखाई देना । इधर उधर बहका फिरना । जैस, आजकल शहर में काबुली बहुत उतराए हैं । (ख) घायल ह्वै करसायल ज्यों मृग त्यों उतही उतरायल घूमै । देव (शब्द॰) ।

उतरना ^२ क्रि॰ स॰ [उतरना क्रिया का प्रि॰ रूप] उतारने का काम अन्य से कराना 'उतारना' ।