ऊब
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ऊब ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ ऊबना] कुछ काल तक निरतर एक ही अवस्था में रहने से चित्त की व्याकुलता । उद्वेग । घबड़ाहट । उ॰—चहत न काहू सों न कहत काहूं की सबकी सहत, उर अंतर न ऊब है ।—तुलसी (शब्द॰) । यौ॰—ऊबकर साँस लेना=ठंडी साँस लेना । दीर्घ निश्वास खीचना । उ॰—हाथ धोय जब बैठो लीन्ह ऊबि के साँस ।—जायसी (शब्द॰) ।
ऊब ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ ऊभ=हौसला, उमंग] उत्साह । उमंग । उ॰—नंदनँदन लै गए हमारी अब ब्रज कुल की ऊब । सूरश्याम तजि और सूझै ज्यों खेरें की दूब । —सूर (शब्द॰) ।