ऋतु
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ऋतु संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. प्राकृतिक अवस्थाओं के अनुसार वर्ष के दो दो महीनों के छह विभाग । मौसम । उ॰—सिगरी ऋतु शौभित शुभ्र जहीं ।—राम चं॰, पृ॰ ८० । विशेष—ऋतुएँ छह हैं—(क) वसंत (चैत और वैसाख), (ख) ग्रीष्म (जेठे और आषाढ़), (ग) वर्षा (सावन और भादों), (घ) शरद (क्वार और कार्तिक), (च) हेमंत (अगहन और पूस), (छ) शिशिर (माघ और फागुन) ।
२. रजोदर्शन के उपरांत वह काल जिसमें स्त्रियाँ गर्भधारण के योग्य होती हैं ।
३. उपयुक्त समय या काल (को॰) ।
४. समुचित या सुनिश्चित व्यवस्था (को॰) ।
५. विष्णु (को॰) ।
६. मास । महीना (को॰) ।
७. दीप्ति । प्रकाश (को॰) ।
८. छह की संख्या (को॰) ।