औचित्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] उचित का भाव । उपयुक्ताता । उ॰— विपक्षी की प्रतिकूलता ही हर पक्ष को औचित्य की सीमा के बाहर नहीं जाने देती ।—द्विवेदी (शब्द॰) ।