कछुआ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कछुआ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कच्छप] [स्त्री॰ कछुई] एक जलजतु जिसके ऊपर बड़ी कड़ी ढाल की तरह खोपड़ी होती है । कच्छप । विशेष—इस खोपड़ी के नीचे वह अपना सिर और हाथ पैर सिकोड़ लेता है । इसकी गर्दन लंबी और दुम बहुत छोटी होती है । यह जमीन पर भी चल सकता है । इसकी खोपड़ी की ढाल खिलौने आदि बनते हैं ।