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गणेश

विक्षनरी से
गणेश

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गणेश ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] हिंदुओं के एक प्रधान देवता जिनका सारा शरीर मनुष्य का है, पर सिर हाथी का सा है । विशेष—इनके चार हाथ और एक दाँत है । तोंद निकली हुई है । सिर में तीन आँखें और ललाट पर अर्धचंद्र है । ये महादेव के पुत्र माने जाते हैं । इनकी सवारी चूहा है । पुराणों में लिखा है कि पहले इनका सिर मनुष्य का सा था; पर शनैश्चर की दृष्टि पड़ने से इनका सिर कट गया । इसपर विष्णु ने एक हाथी के सिर काटकर धड़ पर जोड़ दिया । इसके पीछे ये एक बार परशुराम जी से भिड़े, जिसपर परशुराम जी ने एक दाँत परशु से तोड़ डाला । किसी किसी पुराण में लिखा है कि दाँत रावण ने उखाड़ा था । किसी के मत से बीरभद्र या कार्तिकेय ने दाँत तोड़ा था । इसी प्रकार सिर सटने के विषय में भी मतभेद है । गणेश महादेव के गणों के अधिपति हैं । पुराणों का कथन है कि जो शुभ कार्यों के आरंभ में इनकी पूजा नहीं करता, उसके कामों में ये विघ्न कर देते हैं । इसी लिये समस्त मंगल कामों में इनकी पूजा होती है । यह बड़ें लेखक भी हैं । ऐसा प्रसिद्ध है कि व्थास के महाभारत को पहले पहल इन्हीं ने लिथा था । इनके हाथों में पाश, अंकुश, पदम और परशु है । ये हिंदुओं के पंचदेवों अर्थात् पाँच प्रधान देवताओं में हैं । पर्या॰—विनायक । विघ्नराज । द्वैमातुर । गणाधिप । एकदंत । हेरंब । लंबोदर । गजानन । विघ्नेश । परशुपाणि । गजास्य । आखुग । शूर्पकर्ण । गजानन ।

गणेश ^२ वि॰ गणों का मालिक । गण का स्वामी । गण में जो प्रधान हो ।