गला
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]गला संज्ञा पुं॰ [सं॰ गलक, प्रा॰ गलअ]
१. शरीर का वह अवयव जो सिर को धड़ से जोड़ता है । गरदन । कंठ । विशेष—इसके अंदर एक पतली नाली रहती है जिससे होकर भोजन किया हुआ पदार्थ तथा श्वास द्वारा खींची हुई वायु पेट में जाती है । नाभिमूल से नाद के साथ उठी हुई वायु इसी में से होकर मुख के भिन्न भिन्न स्थानों में टकराती हुई भिन्न भिन्न प्रकार की ध्वनि उत्पन्न करती है । यौ॰—गलाफाड़ । गलेबाज । गलबाँही । मुहा॰—गला आना = गले के अंदर छाला पड़ना । सूजन होना । गला उठाना या गला करना = बच्चों के गले में उँगली डालकर या रूमाल बाँधकर उनके बढ़े हुए कौवे को ऊपर को दबाना जिसमें वह अपने ठिकाने पर आ जाय । घंटी बैठाना । गला कटना = (१) गरदन कटना । धड़ से शिर जुदा होना । (२) अनुचित हानि पहुँचना । किसी की विरुद्घ कार्रवाई से नुकसान पहुँचना । गला कटवाना या कटाना = (१) लोगों के कहने से या अपनी इच्छा से कोई ऐसा काम करना जिससे अपनी बड़ी हानि हो । (२) जान देना । प्राण देना । गला काटना = (१) गरदन काटना । धड़ से सिर जुंदा करना । (२) अत्यंत कष्ट पहुँचाना । बहुत दुःख देना । अन्याय करना । जैसे— वह लोगों का गला काट काटकर रुपया इकट्ठा कर रहा है । (३) सरन, बंडे आदि का गले के अंदर एक प्रकारी की जलन और चुनचुनाहट उत्पन्न करना । गले के अंदर कनकनाना । जैसे—यह सूरन बहुत गला काटता है । (४) विरुद्ध कार्रवाई करके हानि पहुँचाना । बुराई करना । अहित करना । जैसे— जो पहले मित्र बनते हैं । वे ही पीछे गला काटते हैं । गला घुटना = दम रुकना । अच्छी तरह साँस न लिया जाना । गला घोंटना = (१) गले को ऐसा दबाना कि साँस रुक जाय । टेंटुआ दबाना । (२) जबरदस्ती करना । जब्र करना । जैसे— गला घोंटकर कोई किसी से कबतक काम ले सकता है । (३) मार डालना । गला दबाकर मार डालना । गला चलना = कंठ से सुरीला स्वर निकलना । आवाज का सुरीला होना । जैसे—उसका गला खूब चलता है । गला छूटना = पीछा छूटना । पल्ला छूटना । छुटकारा मिलना । निस्तार होना । किसी अरुचिकर या इच्छाविरुद्ध बात का दूर होना । बचाव होना । जैसे—उसको ५) दिए तब जाकर गला छूटा । गला छुटाना या गला छुड़ाना = पीछा छुड़ाना । पल्ला छुड़ाना । पिंड छुड़ाना । बचाव करना । किसी ऐसी बात को दूर करना जिससे चित्त झंझट, हैरानी, दबाव या दुःख में पड़ा हो । जैसे—(क) उसे कुछ देकर गला छुड़ाऔ । (ख) कल वह रास्ते में मुझसे ऐसा उलझ पड़ा कि गला छुड़ाना कठिन हो गया । गाला जोड़ना = (१) प्रीति या मैत्री प्रकट करने के लिये एक दूसरे के गले में हाथ डालना । मिलना । मैत्री करना । (२) साथ देना । गला टीपना = दे॰ 'गला दबाना' । गला दबाना = (१) गले को इतने जोर से पकड़ना कि साँस रुकने लगे । (२) गला दबाकर मार डालना । (२) जबरदस्ती करना । अनुचित दबाव डालना । जैसे—(क) उसने लोगों का गला दबाकर रुपया वसुल किया । (ख) जब वह नहीं जाना चाहता, तब क्यों उसका गला दबाते हो । गला पकड़ना = (१) गले में बैठना । किसी खाई हुई वस्तु का गले में चिपकना या रुकना तथा तल्दी नीचे न उतरना । जैसे—सूखा सत्तू गला पकड़ता है । (२) कंठावरोध करना । कंठ से स्पष्ट शब्द न निकलने देना । .गला पड़ना या बैठना = (१) गले के अंदर सूजन होने या कफ आदि रहने तथा जोर से बहुत बोलने या गाने के कारण शब्द मुँह से स्पष्ट न निकलना या घबराहट के साथ निकलना । जैसे—रात भर गाते गाते इसका गला बैठ गया । (२) गले के अंदर सरदी के कारण छोटी छोटी गिलटियाँ निकलना जिससे खाने पीने में बहुत कष्ट होता है । गला फटना = गला दुखना । गले के अंदर दर्द होना । जैसे—चिल्लाते चिल्लाते उसका गला फट गया । गला फँसना = बंधन में पड़ना । लाचार होना । मजबूर होना । कोर दबाना । विवश होना । जैसे—जब आदमी का गला फँसता है, तब सब कुछ करने को तैयार हो जाता है । गला फँसाना = (१) दाँव में कसना । बंधन में डालना । वशीभूत करना । (२) आपत्ति में फँसाना । संकट में डालना । मुश्किल में डालना । जवाबदेही में डालना । ऋण आदि का बोझ ऊपर डालना । जैसे—हमारा गला फँसाकर आप चलते बने । गला फाँसना = दे॰ 'गला फँसाना' । गला फाड़ना = इतना चिल्लाना कि गला दुखने लगे । जोर भर आवाज लगाना । जैसे वह इतना गला फाड़ फाड़कर चिल्ला रहा था, पर तुमने न सुना । (ख) क्यों व्यर्थ गला फाड़ते हो, वह नहीं बोलेगा । गला फिरना = गले का तान और लय पर चलना । गले से स्वर का तान, स्वर और गिटकरी के अनुसार निकलना । गला फूलना = उकता जाना । दम फूलना । गला बँधना = (१) मजबूर होना । बँध जाना । (२) विवश होना । गला बँधाना = दे॰ 'गला फँसाना' । गला बाँधना = (१) बंधन में डालना । मजबूर करना । (२) दे॰ 'गला फँसाना' । गला बाँधकर धन जोड़ना = खाने पीने का कष्ट उठाकर धन इकट्ठा करना । गला रेतना = (१) अत्यंत कष्ट पहुंचाना । अधिक और असह्य दुःख देना । (२) अहित करना । बुराई करना । विरुद्ध कार्रवाई करके हानि पहुंचाना । गले का ढोलना = (१) गले का बोझ । (२) दे॰ 'गले का हार' । गले का बोझ = व्यर्थ का भार । ऐसी वस्तु जिसका रहना बुरा लगता हो । गले का हार = (१) इतना प्यारा (व्यक्ति या वस्तु) कि पास से कभी जुदा न किया जाय । अत्यंत प्रिय । चिर सहचर । जैसे—इस समय वह राजा साहब के गले का हार हो रहा है । क्रि॰ प्र॰—करना ।—बनना ।—बनाना ।—होना । (२) पीछा न छोड़नेवाला । लाख न चाहने पर भी सदा पास में बना रहनेवाला । वह जो बौझ मालूम हो । जैसे— पहले तो उसे परचाते अच्छा लगा, अब वही गले का हार हो रहा है । क्रि॰ प्र॰—करना ।—बनना ।—बनाना ।—होना । (बात) गले के नीचे उतरना या गले उतरना = (बात) मन में बैठना । जी में जँचना । ध्यान में आना । समझ में आना । स्वीकृत होना । जैसे—उसे इतना समझाया जाता है, पर उसके गले के नीचे उतरता ही नहीं । गले उतारना = स्वीकार कराना । गले या गरे पड़ना = (१) इच्छा के विरुद्ध प्राप्त होना । न चाहने पर भी मिलना । मत्थे पड़ाना । जैसे—(क) गले पड़ा ढोल बजाए सिद्ध । (ख) गए निमाज छुड़ाने, रोजा गले पड़ा । (२) सिर पड़ना । आगे आना । भ गने या सहने के लिये सामने उपस्थित होना । उ॰—होती अनजाना तौ न जानती इतीक बिथा मेरे जिय जान मेरो जानिबो गरे परचौ । देव (शब्द॰) । गले पर छुरी चलाना = अत्याचार करना । उ॰—बेबसों पर छुरी चला करके, क्यों गले पर छुरी चलाते हो ।—चुभते॰, पृ॰ ३४ । गले पर छुरी फेरना = अहित करना । हानि करना । उ॰—तो छुरी बेढंग आपस में चला, मत गले पर जाति के फेरी छुरी ।—चुभते॰, पृ॰ ३४ । (अपने) गले बाँधना = (१) संग लगाना । सिर पर ले लेना । (२) व्यर्थ पास में रखना । निष्प्रयोजन लिए रहना । जैसे—इस टूटे गिलास को लेकर क्या हम गले बाँधेंगे । (३) इच्छा के विरुद्ध किसी से विवाह करना । (दूसरे) के गले बाँधना = दूसरे की इच्छा के विरुद्ध उसे देना । जबरदस्ती देना । दूसरे के न चाहने पर भी उसे लेने के लिये विवशकरना । जैसे—जब वह इसे नहीं लेना चाहता, तो क्यों उसके गले बाँधते हो । गले मढ़ना = (१) किसी की इच्छा के विरुद्ध उसे देना । जबरदस्ती देना । जैसे—वह दूकानदार टूटी फूटी चीजें लोगों के गले मढ़ता हैं । (२) किसी की इच्छा के विरुद्ध उसपर किसी कार्य का भार देना । दूसरे के न चाहने पर भी उसे कोई काम सौंपना । (३) किसी की इच्छा के विरुद्ध उसके साथ किसी को ब्याहना । जैसे—वहकानी स्त्री उसके गले मढ़ी गई । गले मिलना = गले पर हाथ रखकर आलिंगनकरना । गले लगाना = (१) मिलना । गले मिलना । गले में हाथ डालना । (२) गले पड़ना । इच्छा के विरुद्ध प्राप्त होना । गले लगाना = (१) गले मढ़ना । दूसरे की इच्छा के विरुद्ध उसे देना । दूसरे के न चाहने पर भी उसे लेने के लिये विवश करना । जैसे,—यदि आप इसे नहीं लेना चाहते, तो कोई आपके गले नहीं लगाता है । (२) प्यार से मिलना या भेंटना । (३) आत्मीय बनाना । अपनाना ।
२. गले का स्वर । कंठस्वर । जैसे—उसे भगवान ने अच्छा गला दिया है ।
३. आँगरखे, कुरते आदि की काट में कपड़े का वह भाग जो गले पर पड़ता है । गरेबान । क्रि॰ प्र॰—काटना ।—कता करना ।
४. बरतन का वह तंग या पतला भाग जो उसके मुँहड़े के नीचे होता है । जैसे—घड़े का गला, लोटे का गला ।
२. चिमनी का कल्ला । बर्नर ।