घसीटना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
घसीटना क्रि॰ स॰ [सं॰ घृष्ट, प्रा॰ घस्ट + ना (प्रत्य॰)]
१. किसी वस्तु को इस प्रकार खींचना कि वह भूमि से रगड़ खाती हुई एक स्थान से दूसरे स्थान को जाय । कढ़ोरना । उ॰—सुनि रिपुहन लखि नख सिख खोटी । लगे घसीटन धरि धरि झोटी ।—तुलसी (शब्द॰) । यौ॰—घसीटनाघसीटी =खींचातानी । खींचतान । खीचाखाँची ।
२. जल्दी जल्दी लिखना । जल्दी जल्दी लिखकर चलता करना । जैसे,—चार अक्षर घसीट दो ।
३. किसी मामले में डालना । किसी काम में जबरदस्ती शामिल करना । जैसे,—तुम्हारे जो जी में आए करो, अपने साथ औरों को क्यों घसीटते हो ।
४. खींचकर ले जाना । इच्छा के विरुद्ध ले आना । उ॰— राजभवन से अपने डेरे में घसीट लाए ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ४३८ ।