चूल्हा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चूल्हा संज्ञा पुं॰ [सं॰ चुल्ली] अगीठी की तरह का मिट्टी या लोहे आदि का बना हुआ पात्र जिसका आकार प्रायः घोडे़ की नाल का साया अर्द्ध चंद्राकार होता है और जिसपर नीचे आग जलाकर, भोजन पकाया जाता है । यौ॰— दोहरा चूल्हा = वह चूल्हा चिसपर एक साथ दो चिजें पकाई जा सके । मुहा॰— चूल्हा जलना = भोजन बनना । जैसे, — आज उनके घ र चूल्हा नहीं जला । चूल्हा न्यौतना = घर के सब लोगों को निमंत्रण देना । चूल्हा फूँकना = भोजन पकाना । चूल्हे में ड़ालना = (१) नष्ट भ्रष्ट करना । (२) दूर करना । चूल्हे में जाना = नष्ट भ्रष्ट होना । अस्तित्व मिटना । चूल्हे में पड़ना = दे॰ 'चूल्है में जाना' ।(इन मुहावरों का प्रयोग क्रोध में या अत्यंत निरादर प्रकट करने के समय होता है ) जैसे,— चूल्हे में जाय तुम्हारा तमाशा । चूलहे में डालो अपनी सौगात । चूल्हे से निकलकर भाड़ या भट्ठी में जाना = छोटी विपत्ति से निकलकर बड़ी विपत्ति में फँसना ।