छल्ला
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]छल्ला संज्ञा पुं॰ [सं॰ छल्ली( = लता)]
१. वह सादी अँगूठी जो धातु के तार के टुकड़े को मोड़कर बनाई जाती है और हाथ पैर की उँगलियों में पहनी जाती है । मुंदरी । उ॰—अँगूठी लाल की करती कयामत आज गर होती । जिन्हें की आन पहुँची लड़ मुए वह एक छल्ली पर ।—कबिता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ २६ ।
२. अँगूठी की तरह की कोई मंडलाकर वस्तु । कड़ा । कुंडली ।
३. नैचे की बंदिश में वे गोल चिह्न जो रेशम या तार लपेटकर बनाए जाते हैं ।
४. वह पक्की पतली दीवार जो ऊपर से दिखाने या रक्षा के लिये कच्ची दीवार से लगाकर बनाई गई हो ।
५. तेल की बूँदे जो नीबू आदि की अर्क की बोतल मे ऊपर से इसलिये डाल दी जाती है जिससे अर्क बिगड़ने न पावे ।
६. एक प्रकार का पंजाबी गीत या तुकबंदी जिसे गा गाकर हिजड़े भीख माँगते हैं ।