छिद्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

छिद्र संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ छिद्रित]

१. छेद । सूराख ।

२. गड्ढ़ा । विवर । बिल ।

३. अवकाश । जगह ।

४. दोष । त्रटि । जैसे, छिद्रान्वेषण । यौ॰—छल छिद्र । छिदानुजीवी, छिद्रानुसंधानी, छिद्रानुसारी = दे॰ 'छिद्रान्वेषी' ।

५. फलित ज्योतिष के अनुसार लग्न से आठवाँ घर ।

६. नौ की संख्या । राजनीति में शत्रु का भेद्य या दुर्वल पक्ष । कमी । कमजोरी (को॰) ।

८. आकाश (को॰) ।