सामग्री पर जाएँ

छीनना

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

छीनना क्रि॰ स॰ [सं॰ छिन्न+हिं॰ ना (प्रत्य॰)]

१. छिन्न करना । काटकर अलग करना । उ॰—लोर हू तैं न्यारौ कीनौ चक्र बक्र सीस छीनौ देवकी के प्यारे लाल एँचि लाए थल में ।—सूर॰,८ ।५ ।

२. किसी दूसरे की वस्तु जबरदस्ती ले लेना । किसी वस्तु के दूसरे के अधिकार से बलात् अपने अधिकार में कर लेना । हरण करना । उ॰—काक कंक लै भुजा उड़ाहीं । एक ते एक छीनि लै खाहीं ।—मानस, ६ ।८७ । यौ॰—छीनाखसोटी । छोना झपटी । छीनाछीनी ।

३. अनुचित रूप से अधिकार करना । उ॰—बलि जब बहु जज्ञ किए इंद्र सुनि सकायौ । छल करि लई छीनि मही, बामन है धायौ ।—सूर॰, ९ ।११८ ।

४. सिल, चक्की आदि की छेनी से खुरदुरा करना । कूटना । रेहाना ।

५. छेनी से पत्थर आदि काटना या बराबर करना ।

६. दे॰ 'छेना' ।