जब
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जब क्रि॰ वि॰ [सं॰ यावत्, प्रा॰ याव, जाव] जिस समय । जिस वक्त । उ॰—जबते राम ब्याहि घर आए । नित नव मंगल मोद बधाए ।—तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰—जब कभी=जब जब । जिस किसी समय । जब कि= जब । जब जब= जब कभी । जिस जिस समय । उ॰—जब जब होइ धरम की हानी । बाढै असुर अधम अभिमानी । तब तब प्रभु धरि मनुज शरीरा । हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा ।—तुलसी (शब्द॰) । लग तब = कभी कभी । जैसे,—जब तब वे यहाँ आ जाया करते है । जब होता है तब = प्रायः । अकसर । बराबर । जैसे,—जब होता है, तब तुम मार दिया करते हो । जब देखो तब = सदा । सर्वदा । हमेशा । जैसे,— जब देखो तब तुम यहीं खड़े रहते हो ।
जब बहाव के कारण वह चक्कर घूमता है तब उसके साथ संबंध करने के कारण वह चक्की या कल चलने लगती है । और इस प्रकार केवल पानी के बहाव के द्वारा ही सब काम होता है ।