ताड़ी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ताड़ी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ताडी]
१. एक प्रकार का छोटा ताड़ ।
२. एक आभूषण ।
ताड़ी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ताड़+ ई (प्रत्य॰)] ताड़ के फूलते हुए ड़ंठलों से निकला हुआ नशीला रस जिसका व्यवहार मद्य के रूप में होता है । विशेष— ताड़ के सिरे पर फूलंते हुए डंठलों या अंकुरों को छुरो आदि से काट देते हैं और पास ही मिट्टी का बरतन बाँध देते हैं । दूसरे दिन सबेरे बरतन रस से भर जाता है, तब उसे खाली करके रस ले लेते हैं ।
ताड़ी † ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ तार] संतों की ताली । सेतों की ध्यानवस्था । ध्यान । समाधि । उ॰— ध्यान रूप होय अरुण पाए । साच नाम ताड़ी चित लाए ।— प्राण॰, पृ॰ १३१ ।