तिलस्म
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तिलस्म संज्ञा पुं॰ [अ॰ तिलिस्म]
१. जादू । इंद्रजाल ।
२. अद्भुत या अलौकिक व्यापार । करामात । चमत्कार ।
३. द्दष्टिबंध (को॰)
४. वह मायारचित विचित्र स्थान जहाँ अजीबी गरीब व्यक्ति और चीजें दिखलाई पड़ें और जहाँ जाकर आदमी खो जाय और उसे घर पहुँचने का रास्ता न मिले । मुहा॰—तिलस्म तोड़ना = किसी ऐसे स्थान के रहस्य का पता लगा देना जहाँ जादू के कारण किसी की गति न हो । यौ॰—तिलम्म बंद = तिलस्म और जादू के असर में आया हुआ मावारस्ता । तिलस्म बंदो = जादू के असर में आ जाना ।