तेरा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]तेरा ^१ सर्व॰ [सं॰ ते ( = तव) + हिं॰ रा (प्रत्य॰)] [स्त्री॰ तेरी] मध्यम पूरुष एकवचन की षष्ठी का सूचक सर्वनाम शब्द । मध्यम पुरुष एकवचन सबंध कारक सर्वनाम । तू का संबंध कारक रूप । उ॰—तू नहिं मानन देति आली री मन तेरों मानबे कों करत ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३६८ । मुहा॰—तेरी सी = तेरे लाभ या मतलब की बात । तेरे अनुकूल बात । उ॰—बकसीस ईस जो की खीस होत देखियत, रिस काहे लागति कहत तो हौं तेरी सो ।—तुलसी (शब्द॰) । विशेष—शिष्ट समाज में इसका प्रयोग बड़े या बराबरवाले के साथ नहीं होता बल्कि अपने से छोटे के लिये होता है ।
तेरा पु ^२ वि॰ [हि॰] दे॰ 'तेरह' । उ॰—चंद्रमा मिथुन को तेरा १३ अंस, मनि लग्न मैं देह होगी ।—ह॰ रासो॰, पृ॰ ३० ।