दीवाना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दीवाना संज्ञा पुं॰ [अ॰]
१. राजा या बादशाह के बैठने की जगह । राजसभा । दरबार । कचहरी । यौ॰—दिवान आम । दिवान खास ।
२. मंत्री । वजीर । राज्य का प्रबंध करनेवाला प्रधान । उ॰— भक्त ध्रुव की अटल पदवी राम के दीवान ।—(शब्द॰) । यौ॰— दीवानखालसा ।
३. गजलों के संग्रह की पुस्तक ।
४. एक प्रकार का बड़ा सोफा जिस पर सोया जा सके ।
दीवाना आलम संज्ञा पुं॰ [अ॰] दे॰ 'दीवान आम' ।
दीवाना वि॰ [फा॰] [वि॰ स्त्री॰ दीवानी] पागल । सिड़ी । विक्षिप्त । मुहा॰— किसी के पीछे दीवाना होना = किसी के लिये हैरान होना । किसी (वस्तु या व्यक्ति) के लिये व्यग्र होना ।