दुम
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]दुम संज्ञा स्त्री॰ [फा॰]
१. पूंछ । पुच्छ । मुहा॰—दुम के पीछे फिरना = साथ साथ लगा फिरना । पीछे पीछे घूमना । साथ न छोड़ना । दुम दबाकर भागना = डरपोक कुत्ते की तरह डरकर भागना । डर के मारे न ठहरना । दबकर भागना । (कुत्ते जब अपने से बलिष्ठ कुत्ते को देखते है तब डर के मारे पूँछ दोनों टाँगों के बीच दबा लेते हैं) । दुम दब जाना = (१) डर के मारे हट जाना । डर से भाग जाना । (२) डर के मारे किसी बात से हट जाना । भयवश किसी काम से पीछे हट जाना । डर के मारे किसी काम से अलग हो जाना । दुम में घुसना = गायब हो जाना । दूर हो जाना । जैसे,—एक चाँटा दूँगा आरी बदमाशी दुम में घुस जायसी । दुम में घुसा रहना = खुशामद के मारे साथ लगा रहना । शुश्रूषा के लिये सदा साथ में रहना । दम में रस्सा बाँधूँ = नटखट चौपाए की तरह बाँधकर रखूँ । (एक विनोदसूचक वाक्य जो प्रायः किसी पर बिगड़कर बोलते हैं । दुम हिलाना = कुत्ते का दुम हिलाकर प्रसन्नता प्रकट करना ।
२. पूँछ की तरह पीछे लगी या बँधी हुई वस्तु । जैसे, सितारे की दुम, टोपी की दुम । यौ॰—दुमदार ।
३. पीछे पीछे लगा रहनेवाला आदमी । पिछलग्गू ।
४. किसी काम का सबसे अंतिम थोड़ा सा अंश ।
५. नाम के अंत में जुड़नेवाली उपाधि । डिग्री । (व्यंग्य) ।