द्वंद्व
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]द्वंद्व संज्ञा पुं॰ [सं॰ द्वन्द्व]
१. युग्म । दो वस्तुएँ जो एक साथ हों । जोड़ा ।
२. स्त्री पुरुष या नर मादा का जोड़ा ।
३. दो परस्पर विरुद्ध वस्तुओं का जोड़ा । जैसे, शीत उष्ण, सुख दुःख, भला बुरा, पाप पुण्य, स्वर्ग नरक इत्यादि ।
४. रहस्य । भेद की बात । गुप्त बात ।
५. दो आदमियों की लड़ाई ।
९. झगड़ा । बखेड़ा । कलह । क्रि॰ प्र॰—मचना ।—नचाना ।
७. एक प्रकार का समास, जिसमें मिलनेवाले सब पद प्रधान रहते हैं और उनका अन्वय एक ही क्रिया के साथ होता है जैसे, हाथ पाँव बाँधो, रोटी दाल खाओ । विशेष— यह समाम और आदि संयोजक पदों का लोप करके बनाया जाया हे । जैसे,— हाथ और पाँव से 'हाथ पाँव', रात और दिन से 'रात दिन' ।
८. दुर्ग । किला ।
९. शंका । संदेह (को॰) ।
१०. मिथुन राशि (को॰) ।
११. एक प्रकार का रोग (को॰) ।