धीर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]धीर ^१ वि॰ [सं॰]
१. जिसमें धैर्य हो । जो जल्दी घबरा न जाय । दृढ़ और शांत चित्तवाला । उ॰— जीवन में सुख दुःख निरंतर आते जाते रहते हैं । सुख तो सभी भोग लेते हैं, दुःख धीर ही सहते हैं ।— साकेत, पृ॰ ३७१ ।
२. बलवान् । ताकतवर ।
३. विनीत । नम्र ।
४. गंभीर ।
५. मनोहर । सुंदर ।
६. मंद । धीमा ।
धीर ^२ संज्ञा पुं॰
१. केसर ।
२. ऋषभ नामक ओषधि ।
३. मंत्र ।
४. राजा बलि ।
धीर पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ धैरर्य]
१. धैर्य । धीरज । ढाढ़स । मन की स्थिरता ।
२. संतोष । सब्र । क्रि॰ प्र॰—करना ।—धरना ।—रखना ।