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निकलना

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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निकलना क्रि॰ अ॰ [हिं॰ निकालना]

१. बाहर होना । भीतर से बाहर आना । निर्गत होना । जैसे, घर से निकलना, संदूक से निकलना, अंकुर निकलना, आँसू निकलना । संयो॰ क्रि॰—आना ।—चलना ।—जाना ।—पड़ना ।—भागना । मुहा॰—निकल जाना = (१) चला जाना । आगे बढ़ जाना । जैसे,— अब तो वे बहुत दूर निकल गए होगें । (२) न रह जाना । खो जाना । नष्ट हो जाना । ले लिया जाना । जैसे,— हाथ से चीज, काम या अवसर निकल जाना । (३) घट जाना । कम हो जाना । जैसे,—पाँच में से तीन निकल गए, दो बचे । (४) न पकड़ा जाना । भाग जाना । जैसे,— चोर निकल गया । (स्त्री का) निकल जाना = किसी पुरुष के साथ अनुचित संबंध करके धर छोड़कर चला जाना ।

२. व्याप्त या ओतप्रोत वस्तु का अलग होना । मिली हुई,लगी हुई या पैवस्त चीज का अलग होना । जैसे,— बीज से तेल निकलना, पत्ती से रस निकलना, फल का छिलका निकलना । संयो॰ क्रि॰—आना ।—जाना ।

३. पार होना । एक ओर से दूसरी ओर चला जाना । अतिक्रमण करना । जैसे,— इस छेद में से गेंद नहीं निकलेगा । संयो॰ क्रि॰—आना ।—जाना । मुहा॰—निकल चलना = वित्त से बाहर काम करना । इतराना । अति करना ।

४. किसी श्रेणी आदि के पार होना । उत्तीर्ण होना । जैसे,— इस बार परीक्षा में तुम निकल जाओगे । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

५. गमन करना । जाना । गुजरना । जैसे,— (क) वह रोज इसी रास्ते से निकलता है । (ख) बरात बड़ी धूम से निकली । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

६. उदय होना । जैसे, चंद्रमा निकलना, सूर्य निकलना । संयो॰ क्रि॰—आना ।

७. प्रादुर्भूत होना । उत्पन्न होना । पैदा होना । जैसे,— इतने चिउँटे कहाँ से निकल पड़े ।

८. उपस्थित होना । दिखाई पड़ना ।

९. किसी ओर को बढ़ा हुआ होना । जैसे,— (क) घर का एक कोना पच्छिम ओर निकला हुआ है । (ख) कील की नोक नहीं निकली है । संयो॰ क्रि॰—आना ।—जाना ।

१०. निश्चित होना । ठहराया जाना । उद्भावित होना । जेसे, रास्ता । निकलना, दोष निकलना, परिणाम निकलना, उपाय निकलना । संयो॰ क्रि॰—आना ।—पड़ना ।

११. खुलना । स्पष्ट होना । प्रकट होना । जैसे,—वाक्य का अर्थ निकलना, धोने पर कपड़े का रंग निकलना । संयो॰ क्रि॰—आना ।

१२. मेल में से अलग होना । पृथक होना । जैसे,—गेहूँ में से बहुत कंकड़ी निकली है । संयो॰ क्रि॰—आना ।—जान ।

१३. छिड़ना । आरंभ होना । जैसे, बात निकलना, चर्चा निकलना ।

१४. प्राप्त होना सिद्ध होना । सरना । जैसे, काम निकलना, मतलब निकलना । संयो॰ क्रि॰—आना ।—जाना ।

१५. हल होना । किसी प्रश्न या समस्या का ठीक उत्तर प्राप्त होना । जैसे,— इतना सीधा सवाल तुमसे नहीँ निकलता ।

१६. लगातार दुर तक जोनेवाली किसी वस्तु का आरंभ होना । जैसे,— यह नदी कहाँ से निकली है ।

१७. लकीर के रूप में दूर तक जानेवाली वस्तु का विधान होना । फैलाव होना । जारी होना । जैसे, नहर निकलना, सड़क निकलना ।

१८. प्रचलित होना । जारी होना । जैसे, कानून निकलना, कायदा निकलना, रीति निकलना, चाल निकलना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

१९. फैसा, बँधा या जुड़ा न रहना । छूटना । मुक्त होना । जैसे,— गले से फंदा निकलना, बंधन से निकलना, बटन निकलना । संयो॰ क्रि॰—आना ।—जाना ।

२०. नई बात का प्रगट होना । आविष्कृत होना । ईजाद होना । जैसे— कोई नई युक्ति निकलना, कल निकलना ।

२१. शरीर के ऊपर उत्पन्न होना । जैसे,— फोड़े फुंसी निकलना, चेचक निकलना । संयो॰ क्रि॰—आना ।

२२. प्रामाणित होना । सिद्ध होना । साबित होना । जैसे,—(क) वह नौकर तो चोर निकला । (ख) उनकी कही हुई बात ठीक निकली ।

२३. लगाव न रखना । किनारे हो जाना । अलग हो जाना । जैसे,— दूसरों को इस काम में फँसाकर तुम तो निकल जाओगे । संयो॰ क्रि॰—जाना ।—भागना ।

२४. अपने को बचा जाना । बच जाना । जैसे,—कोई आधी बात कहकर निकल तो जाय । संयो॰ क्रि॰—जाना ।—भागना ।

२५. अपनी कही हुई बात से अपना संबंध न बताना । कहकर नहीं करना । मुकरना । नटना । जैसे,— बात कहकर अब निकसे जाते हो ।