पतित
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पतित वि॰ [सं॰]
१. गिरा हुआ । ऊपर से नीचे आया हुआ ।
२. आचार, नीति या धर्म से गिरा हुआ । आचारच्युत । नीतिभ्रष्ट या धर्मत्यागी ।
३. महापापी । अतिपातकी । नरकदायक पाप का कर्ता ।
४. जाति से निकाला हुआ । समाज द्वारा बहिष्कृत । जातिच्युत । जाति या समाज से खारिज । विशेष—हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार आपदकाल न होने पर भी स्वधर्म के नियमों का उल्लंघन करनेवाला पतित होता है । आग लगनेवाला, विष देनेवाला, दूसरे का अपकार करने की नीयत से फाँसी लगाकर, ड़ूबकर या जलकर मर जानेवावा, ब्रह्महत्याकारी, सुरा पान करनेवाला, गुरुपत्नी- गामी, नास्तिक, चोर, मद्यप, चांडाल स्त्री से मैखुन करने अथवा चांड़ाल का दान लेने या अन्न खानेवाला ब्राह्मण तथा किसी अन्य महा या अतिपातक का कर्ता पतित माना जाता है । शुद्धितत्व के अनुसार पतित का दाह, अंत्येष्टक्रिया, अस्थिसंचय, श्राद्ध यहाँ तक की उसके लिये आँसू बहाना तक अकर्तव्य है । पतित का संसर्ग, उसके साथ भोजन, शयन या बातचित करनेवाला भी पतित होता है । पर पतितसंसर्ग के कारण पतित व्यक्ति का श्राद्ध, तर्पण आदि निषिद्ध नहीं है । माता के अतिरिक्त अन्य सव व्यक्ति पतित दशा में त्याज्य हैं । गर्भधारण और पोषण के कारण माता किसी दशा में त्याज्य नहीं है । प्रायश्चित्त करने से पतित व्यक्ति की शुद्धि होती है ।
५. अत्यंत मलीन । महा अपावन ।
६. युद्धादि में पराजित या हारा हुआ (को॰) ।
७. अति नीच । अधम । यौ॰—पतितउधारन । पतितपावन ।