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पद

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पद संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. व्यवसाय । काम ।

२. त्राण । रक्षा ।

३. योग्यता के अनुसार नियत स्थान । दर्जा ।

४. चिह्न । निशान ।

५. पैर । पाँव । चरण । उ॰—सो पद गहो जाहि से सदगति पार ब्रह्म से न्यारा ।—कबीर श॰, भा॰ ३, पृ॰ ३ । यौ॰—पदकंज । पदपंकज । पदपद्म = दे॰ 'पदकमल' ।

६. वस्तु । चीज ।

७. शब्द ।

८. प्रदेश ।

९. पैर का निशान ।

१०. श्लोक वा किसी छंद का चतुर्थांश । श्लोकपाद ।

११. उपाधि ।

१२. मोक्ष । निर्वाण ।

१३. ईश्वरभक्ति संबंधी गीत । भजन ।

१४. पुराणानुसार दान के लिये जूते, छाते, कपड़े, अँगूठी, कमंडलु, आसन, बरतन, और भोजन का समूह । जैसे,—पाँच ब्राह्मणों को पददान मिला है ।

१५. डग । कदम । पग । (को॰) ।

१६. वैदिक मंत्रों के पाठ करने का एक ढंग । मंत्रों के शब्दों को अलग अलग कहना । जैसे, पद पाठ ।

१७. बिसात का कोठा या खाना ।

१८. किरण (को॰) ।

१९. लंबाई की एक माप (को॰) ।

२०. राह । मार्ग ।

२१. वर्गमूल (गणित) ।

२२. बहाना । हीला (को॰) ।

२३. फल (को॰) ।

२४. सिक्का (को॰) ।