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पर्याय

विक्षनरी से

संज्ञा

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

पर्याय संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. समानार्थवाची शब्द । समानार्थक शब्द । जैसे, 'इंद्र' का पर्याय' पाकशासन' और 'विष' का पर्याय 'हलाहल' ।

२. क्रम । सिलसिला । परंपर ।

३. वह अर्था- लंकार जिसमें एक वस्तु का क्रम से अनेक आश्रय लेना वर्णित हो या अनेक वस्तुओं का एक ही एक ही के आश्रित होने का वर्णन हो । जैसे,— (क) हालाहल तोहिं नित नए, किन सिखए ये ऐन । हिय अंबुधि हरगर लग्यो, बसत अबै खल बैन । (ख) हुती देह में लरिकई, बहुरि तरुणई जोर । बिरधाई आई अबौं भजन न नंदकिशोर ।

४. प्रकार । तरह ।

५. अवसर । मौका ।

६. बनाने का काम । निर्माण ।

७. द्रव्य का धर्म ।

८. दो व्यक्तियों का वह पारस्परिक संबंध जो दोनों के एक ही कुल में उत्पन्न होने के कारण होता है । यौ॰— पर्यायक्रम । पर्यायच्युत = क्रम से भग्न । स्थान से च्युत । पर्यायवचन = समान अर्थबोधक शब्द । पर्यायवाचक, पर्यायवाची = समानार्थक । तुल्यार्थक । पर्यायशब्द = दे॰ 'पर्यायवचन' । पर्यायशयन । पर्यायसेवा ।