पर्याय
संज्ञा
अनुवाद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
पर्याय संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. समानार्थवाची शब्द । समानार्थक शब्द । जैसे, 'इंद्र' का पर्याय' पाकशासन' और 'विष' का पर्याय 'हलाहल' ।
२. क्रम । सिलसिला । परंपर ।
३. वह अर्था- लंकार जिसमें एक वस्तु का क्रम से अनेक आश्रय लेना वर्णित हो या अनेक वस्तुओं का एक ही एक ही के आश्रित होने का वर्णन हो । जैसे,— (क) हालाहल तोहिं नित नए, किन सिखए ये ऐन । हिय अंबुधि हरगर लग्यो, बसत अबै खल बैन । (ख) हुती देह में लरिकई, बहुरि तरुणई जोर । बिरधाई आई अबौं भजन न नंदकिशोर ।
४. प्रकार । तरह ।
५. अवसर । मौका ।
६. बनाने का काम । निर्माण ।
७. द्रव्य का धर्म ।
८. दो व्यक्तियों का वह पारस्परिक संबंध जो दोनों के एक ही कुल में उत्पन्न होने के कारण होता है । यौ॰— पर्यायक्रम । पर्यायच्युत = क्रम से भग्न । स्थान से च्युत । पर्यायवचन = समान अर्थबोधक शब्द । पर्यायवाचक, पर्यायवाची = समानार्थक । तुल्यार्थक । पर्यायशब्द = दे॰ 'पर्यायवचन' । पर्यायशयन । पर्यायसेवा ।