पाया
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पाया संज्ञा पुं॰ [सं॰ पाद, हिं॰ पाव फा॰ पायह्]
१. पंलग, कुरसी, चौकी, तख्त आदि में खड़े डंडे या खंभे के आकार का वह भाग जिसके सहारे उसका ढाँचा या तल ऊपर ठहरा रहता है । गोड़ा । पावा । जैसे, तख्त का पाया, पलंग के चारों पाये ।
२. खंभा । स्तंभ ।
३. पद । दरजा । रुतबा । ओहदा ।
४. घोड़ों के पैर में होनेवाली एक बीमारी ।
५. सीढ़ी । जीना ।