पारसी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पारसी पु ^१ वि॰ [फा॰ पारस] पारस देश का । पारस देश संबंधी । जैसे, पारसी भाषा पारसी बिल्ली ।
पारसी ^२ संज्ञा पुं॰
१. पारस का रहनेवाला व्यक्ति । पारस का आदमी ।
२. हिंदुस्तान में बंबई और गुजरात की ओर हजारों वर्ष से बसे हुए वे पारसी जिनके पूर्वज मुसलमान होने के डर से पारस छोड़कर आए थे । विशेष— सन् ६४० ई॰ में नहाबंद की लड़ाई के पीछे जब पारस पर अरब के मुसलमानों का अधिकार हो गया और पारसी मुसलमान बनाए जाने लगे तब अपने आर्यधर्म की रक्षा के लिये बहुत से पारसी खुरासान में आकर रहे । खुरासान में भी जब उन्होंने उपद्रव देखा तब वे पारस की खाड़ी के मुहाने पर उरगूज नामक टापू में जा बसे । यहाँ पंद्रह वर्ष रहे । आगे बाधा देख अंत में सन् ७२० में वे एक छोटे जहाज पर भारतवर्ष की ओर चले आए जो शरणागतों की रक्षा के लिये बहुत काल से दूर देशों में प्रसिद्ध था । पहले वे दीऊ नामक टापू में उतरे, फिर गुजरात के एक राजा जदुराणा ने उन्हें संमान नामक स्थान में बसाया और उनकी आग्निस्थापना और मंदिर के लिये बहुत सी भूमि दी । भारत के वर्तमान पारसी उन्हीं की संतति हैं । पारसी लोग अपने संवत् का आरंभ अपने अंतिम राजा यज्दगर्द के पराभव काल से लेते हैं ।