फफोला
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फफोला संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रस्फोट] आग में जलने से चमड़े पर का पोला उभार जिसके भीतर पानी भरा रहता है । छाला । झलका । उ॰—कँवल चरन मँह परै फफोला । प्यास से जीभ भई जस ओला ।—हिंदी प्रेम गाथा॰, पृ॰ २३९ । क्रि॰ प्र॰—डालना ।—पड़ना । मुहा॰—दिल के फकोले फोड़ना = अपने दिल की जलन या क्रोध प्रकट करना । बुखार निकालना । दिल के फफोले फूटना = दिल की जलन या क्रोध प्रकट होना ।