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बराक

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बराक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वराक]

१. शिव ।

२. युद्ध । लड़ाई ।

बराक ^२ वि॰

१. शोचनीय । सोच करने के योग्य ।

२. नीच । अधम । पापी । दुखिया ।

३. बपुरा । बेचारा । उ॰—सोहै जहँ बृषभान तहँ को है इंद्र बराक ।—अनेकार्थ॰, पृ॰ १२ ।

बराक पु ^३ क्रि॰ वि॰ [हिं॰ बार + एक] थोड़ा । नाममात्र । किंचित् । मनाक् । उ॰—सुंदर जो सतसंग मैं बैठे आइ बराक । सीतल और सुंगध ह्वै चंदन की ढिंग ढाक ।—सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ७४१ ।