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बराबर

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बराबर ^१ वि॰ [फा॰ बर ?]

१. मान, मात्रा, संख्या, गुण, महत्व, मूल्य, आदि के विचार से समान् । किसी के मुकाबिले में उससे न कम न अधिक । तुल्य । एक सा । जैसे,—(क) चौड़ाई में दोनों कपड़े बराबर हैं । (ख) सिर के सब बाल बराबर कर दो । (ग) एक रुपया चार चवन्नियों के बराबर है । (घ) इसकै चार बराबर हिस्से कर दो ।

२. समान पद या मर्यादावाला । जैसे,—(क) यहाँ सब आदमी बराबर हैं । (ख) तुम्हारे बराबर झूठा ढूँढ़ने से न मिलेगा । मुहा॰—बराबर का = (१) बराबरी करनेवाला । समान । जैसे,—बराबर का लड़का है, उसे मार भी तो नहीं सकते । (२) सामने या बगल का । बराबर छूटना=/?/ हार जीत के निर्णय कै कुश्ती या बाजी समाप्त होना । बराबर से निकलना = समीप से समान भाव से आगे बढ़ना ।

३. जिसकी सतह उँची नीची न हो । जो खुरखुरा न हो । समतल । मुहा॰—बराबर करना = समाप्त कर वेना । अंत कर देना । न रहने देना । जैसे,—उन्होंने दो ही चार बरस में अपने बड़ों की सब कमाई बराबर कर दा ।

४. जैसा चाहिए वैसा । ठीक ।

बराबर ^२ क्रि॰ वि॰

१. लगातार । निरंतर । बिना रुके हुए । जैसे, बराबर आगे बढ़ते जाना ।

२. एक ही पंक्ति में । एक साथ । जैसे, सब सिपाही बराबर चलते हैं ।

३. साथ । (क्व॰) । जैसे,—हमारे बराबर रहना ।

४. सदा । हमेशा । जैसे,—आप तो बराबर यही कहा करते हैं । यौ॰—बराबर बराबर =(१) पास पास । साथ साथ । (२) आधा आधा । समान समान ।