बहरा वि॰ [सं॰ वधिर, प्रा॰ बहिर] [स्त्री॰ बहरी] जो कान से सुन न सके । न सुननेवाला । जिसे श्रवण शक्ति न हो । मुहा॰—बहरा पत्थर, या बज्र बहरा=बहुत अधिक बहरा । जिसे कुछ भी न सुनाई पड़ता हो ।