बावली
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बावली संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ बाप + हिं॰ डी या ली (प्रत्य॰)]
१. चौड़े मुँह का कुआँ जिसमें पानी तक पहुँचने के लिये सीढ़ियाँ बनी हों । उ॰—वावली तो बनी नहीं मगरों ने डेरा डाल दिया ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ४३७ ।
२. छोटा गहरा तालाब जिसमें पानी तक सीढ़ियाँ हों ।
३. हजामत का एक प्रकार जिसमें माथे से लेकर चोटी के पास तक के बाल चार पाँच अँगुल चौड़ाई में मूड़ दिए जाते हैं जिससे सिर के ऊपर चूल्हे का सा आकर बन जाता है ।