सामग्री पर जाएँ

बीस

विक्षनरी से

विशेषण

संज्ञा

संख्या २०

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

बीस ^१ वि॰ [सं॰ विंशति, प्रा॰ वीशति, बीसा] जो संख्या में दस का दूना और उन्नीस से एक अधिक हो । मुहा॰—बीस बिस्वे=अधिक संभवतः । जैसे,—बीसा बिस्वे हम सबेरे ही पहुँच जायँगे । बीस बिसे= (१) दे॰ 'बीस बिस्वे' । (२) पृर्णतः । पूरी तोर से । उ॰—(क) सातहु द्वीपन के अवनीपति हारि रहे जिय में जब जाने । बीस बीसे ब्रत भंग भयो सो कहो अव केशव को धनु ताने ।—केशव (शब्द॰) । (ख) बीस बीसे जानी महा मूरख विधाता है ।—पद्माकर (शब्द॰) ।

२. श्रेष्ट । बडा ।

३. अच्छा । उत्तप । श्रेष्ठ । उ॰—नाथ अचान उचकि के चढे़ तासु के सीस । ताकी जनु महिमा करी, बीस राजते बीस ।—देवस्वामी (शब्द॰) ।

बीस ^२ संज्ञा स्त्री॰

१. बीस की संख्या । बीस की संख्या का द्योतक चिह्न । बीस का अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है—२० ।

बीस ^३ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का वृक्ष जो गोरखपुर और बरमा के जगलों तथा कोंकण देश में पाया जाता है । इसकी लकड़ी बहुत अच्छी होती है ओर प्रायः बदूक के कुंदे बनाने के काम में आती है ।

बीस ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ विष] जहर । विष ।

यह भी देखिए